एक तरफ है Jeetu Bhaiya – जो Kota के हज़ारों बच्चों के रोल मॉडल बने। दूसरी तरफ है Abhishek Tripathi – जो Phulera के एक गांव में अपनी किस्मत से जूझ रहा है। पर दिलचस्प बात ये है… दोनों का चेहरा एक जैसा है!
Jeetu Bhaiya खुद IIT से पढ़े हुए हैं, और Kota Factory में भी वो IIT की तैयारी करवा रहे हैं। वहीं Abhishek Tripathi की कहानी उलटी है — वो इंजीनियर बना, लेकिन किस्मत उसे बना गई ग्राम सचिव।
Jeetu Bhaiya जब बोलते हैं तो लगता है जैसे मन की उलझनें खुद-ब-खुद सुलझ रही हों। Abhishek जब बोलता है, तो उसकी आवाज़ में नाराज़गी है, हताशा है… और एक सवाल भी — "क्या मैं यही डिज़र्व करता हूं?"
Jeetu Bhaiya के कंधों पर था बच्चों का भविष्य। Abhishek के कंधों पर था एक पूरे गांव का सिस्टम, वो भी बिना किसी training के।
Jeetu Bhaiya का दिल टूटा था… मगर उन्होंने उसे छुपा लिया मुस्कान में। Abhishek का दिल धीरे-धीरे जुड़ रहा है Rinki से… और वो अब डरने के बजाय उम्मीद करने लगा है।
Jeetu Bhaiya एक आदर्श हैं – शायद वैसा बनना हर कोई चाहता है। Abhishek Tripathi वही है जो हममें से ज़्यादातर हैं – confused, गुस्सैल लेकिन दिल से अच्छे।