Improve Car Mileage: कार की माइलेज कैसे बढ़ाएं? 10 असरदार तरीके

Improve Car Mileage:  आज के दौर में जब पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें आसमान छू रही हैं, तो हर Car Owner की पहली चिंता यही होती है – कार की माइलेज कैसे बढ़ाएं? माइलेज बढ़ाने का मतलब है कम ईंधन में ज़्यादा दूरी तय करना, और यही हर ड्राइवर की सबसे बड़ी चाहत होती है।

अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी कार हर लीटर में ज़्यादा किलोमीटर चले, तो नीचे दिए गए 10 असरदार तरीकों को जरूर अपनाएं। ये टिप्स न सिर्फ माइलेज बढ़ाएंगे, बल्कि आपकी कार की लाइफ को भी बेहतर बनाएंगे।

Increase Car Mileage

Improve Car Mileage: कार की माइलेज कैसे बढ़ाएं?

समय-समय पर सर्विस कराना ना भूलें:

जब आप अपनी कार को तय समय पर सर्विसिंग के लिए ले जाते हैं, तो कार के अंदर चल रहे कई जरूरी पुर्जों की जाँच और मेंटेनेंस होती है। ये पुर्जे सीधे आपकी गाड़ी की परफॉर्मेंस और माइलेज को प्रभावित करते हैं। आइए जानते हैं कैसे:

इंजन ऑयल, कार के Engine को Lubricate करता है ताकि वह Smoothly चले। समय के साथ ऑयल गंदा हो जाता है और इंजन पर घर्षण बढ़ने लगता है।

इससे न केवल इंजन गर्म होता है बल्कि माइलेज (Fuel Efficiency) भी कम हो जाता है। हर 8,000–10,000 किलोमीटर के बाद ऑयल बदलवाना बेहद जरूरी होता है।

एयर फिल्टर इंजन में जाने वाली हवा को साफ करता है। अगर ये गंदा हो जाए तो इंजन को पर्याप्त हवा नहीं मिलती, जिससे वह ज़्यादा फ्यूल जलाने लगता है और माइलेज घटता है। हर सर्विस पर इसे चेक करवाना चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर बदलवा देना चाहिए।

स्पार्क प्लग इंजन में फ्यूल और एयर के मिक्सचर को जलाने का काम करता है। अगर ये खराब हो जाए तो इंजन मिसफायर करता है और फ्यूल की खपत बढ़ जाती है। सर्विस के दौरान इसकी जांच ज़रूरी है।

कुल मिलाकर समय पर सर्विस कराना मतलब है — इंजन की हेल्थ दुरुस्त रखना। एक हेल्दी इंजन कम फ्यूल (Low Fuel) में ज्यादा दूरी तय करता है। साथ ही कार की लाइफ भी लंबी होती है। सर्विस मैन्युअल में दी गई जानकारी के अनुसार नियमित रूप से अपनी कार की सर्विस करवाएं — चाहे वो हर 6 महीने पर हो या हर 10,000 किमी पर।

Improve car mileage

टायर प्रेशर सही रखें

टायर प्रेशर का सीधा संबंध आपकी Car की Mileage से होता है, लेकिन अधिकतर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। अगर टायर में हवा कम हो, तो कार को खींचने में इंजन पर ज़्यादा दबाव पड़ता है।

इससे ईंधन की खपत बढ़ जाती है और माइलेज घट जाता है। वहीं, अधिक हवा होने से Tyre Disbalance हो सकते हैं, जिससे सड़क पर पकड़ कमजोर पड़ती है और ब्रेकिंग दूरी बढ़ जाती है।

हर कार के लिए एक आदर्श टायर प्रेशर निर्धारित होता है, जो आमतौर पर ड्राइवर साइड के दरवाज़े या मैन्युअल बुक में लिखा होता है। हर 10 से 15 दिन में टायर प्रेशर ज़रूर जांचें, खासकर मौसम बदलने पर। गर्मी और सर्दी दोनों का असर हवा के प्रेशर पर पड़ता है।

सही टायर प्रेशर रखने से न सिर्फ Car का Mileage Improve  होता है, बल्कि आपकी ड्राइव भी सुरक्षित और स्मूद बनती है। यह एक आसान लेकिन बेहद असरदार उपाय है।

पहली कार खरीदने का सफर: क्यों मारुति स्विफ्ट है बेहतरीन विकल्प

स्मूद ड्राइविंग अपनाएं

अगर आप अपनी कार की माइलेज (Increase Car Mileage) बेहतर बनाना चाहते हैं, तो स्मूद ड्राइविंग बेहद जरूरी है। तेज एक्सीलरेशन, अचानक ब्रेक लगाना और बार-बार गियर बदलना न केवल ईंधन की खपत बढ़ाता है, बल्कि इंजन पर भी ज़रूरत से ज़्यादा दबाव डालता है।

जब आप धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाते हैं और संतुलित तरीके से ड्राइव करते हैं, तो इंजन अपनी optimal efficiency पर काम करता है, जिससे माइलेज में सुधार होता है।

Smooth Driving का मतलब है — तय स्पीड लिमिट में गाड़ी चलाना, आगे के ट्रैफिक को देखकर समय पर ब्रेक लेना और ज़रूरत से ज़्यादा रेस का इस्तेमाल न करना। शहर की भीड़भाड़ में भी यह आदत बहुत फायदेमंद होती है।

इसके अलावा, स्मूद ड्राइविंग से गाड़ी के पार्ट्स जैसे ब्रेक, क्लच और गियर की उम्र भी बढ़ती है। यानी माइलेज के साथ-साथ मेंटेनेंस कॉस्ट भी कम होती है। एक अच्छी ड्राइविंग आदत आपकी जेब और कार, दोनों के लिए फायदेमंद है।

एक्स्ट्रा वजन हटाएं

कार में ज़रूरत से ज़्यादा वजन रखना माइलेज को सीधे प्रभावित करता है। जब गाड़ी पर लोड अधिक होता है, तो इंजन को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे फ्यूल की खपत बढ़ जाती है।

अक्सर लोग बूट में भारी सामान जैसे पुराने बैग, टूल्स या एक्स्ट्रा एक्सेसरीज़ रखे रहते हैं जो रोज़ाना काम में नहीं आते। ऐसे अनावश्यक वजन को हटाना एक आसान तरीका है माइलेज बढ़ाने का।

कार जितनी हल्की होगी, उतनी स्मूद और एफिशिएंट चलेगी। इसलिए नियमित रूप से कार के अंदर और बूट स्पेस की सफाई करें और अनावश्यक सामान हटा दें।

Best Car : 2025 में कौन सी कार ₹10 Lakhs के अंदर सबसे बेस्ट है?

ट्रैफिक में कार को ऑफ रखें

अगर आप लंबे समय तक ट्रैफिक सिग्नल या जाम में फंसे रहते हैं, तो कार को आइडल पर चालू रखना फ्यूल की बर्बादी करता है। सिर्फ 2-3 मिनट में ही इंजन काफी पेट्रोल या डीज़ल खा लेता है।

ऐसे में बेहतर है कि आप इंजन बंद कर दें। यह न केवल माइलेज बढ़ाता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होता है और कार की सेहत भी बनी रहती है।

अच्छे ईंधन का करें इस्तेमाल

कार की माइलेज और इंजन की परफॉर्मेंस सीधे उस ईंधन की गुणवत्ता पर निर्भर करती है जो आप इस्तेमाल करते हैं। खराब या मिलावटी पेट्रोल-डीज़ल इंजन में कार्बन जमा करता है, जिससे इंजन की कार्यक्षमता घटती है और माइलेज पर बुरा असर पड़ता है। हमेशा भरोसेमंद और ब्रांडेड पेट्रोल पंप से ही ईंधन भरवाएं।

बेहतर हो तो नियमित अंतराल पर प्रीमियम फ्यूल का भी उपयोग करें, जो इंजन को साफ रखने में मदद करता है। अच्छा फ्यूल सिर्फ माइलेज ही नहीं बढ़ाता, बल्कि कार की लाइफ और परफॉर्मेंस दोनों को बेहतर बनाता है।

एसी का उपयोग समझदारी से करें

कार में एसी चलाने से आराम तो मिलता है, लेकिन यह फ्यूल खपत को भी बढ़ा देता है। खासकर शहर की ट्रैफिक में, जब गाड़ी स्लो स्पीड पर चलती है, तब एसी का इस्तेमाल माइलेज पर ज्यादा असर डालता है।

कोशिश करें कि सुबह-शाम के समय जब मौसम ठंडा हो, तो विंडो खोलकर ड्राइव करें। हाईवे पर एसी चलाना ज्यादा असर नहीं डालता, लेकिन शहर में इसका सीमित उपयोग करना चाहिए। जरूरत न हो तो एसी बंद रखें या फैन मोड का इस्तेमाल करें। स्मार्ट एसी यूज़ से आपकी कार ज्यादा ईंधन-कुशल बन सकती है।

2025 की सबसे ज्यादा माइलेज देने वाली कारें?

सही गियर में चलाएं

कार की माइलेज बढ़ाने के लिए सबसे अहम बातों में से एक है – सही गियर का इस्तेमाल। बहुत से ड्राइवर ये गलती करते हैं कि कम स्पीड पर हाई गियर में या हाई स्पीड पर लो गियर में कार चलाते हैं।

इससे इंजन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और फ्यूल की खपत बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, अगर आप 20-30 किमी/घंटा की स्पीड पर चौथे गियर में गाड़ी चला रहे हैं, तो इंजन को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे माइलेज पर सीधा असर पड़ता है।

हर कार के लिए एक आदर्श गियर-स्पीड रेंज होती है, जैसे:

  • पहला गियर – 0–20 किमी/घंटा
  • दूसरा गियर – 20–30 किमी/घंटा
  • तीसरा गियर – 30–50 किमी/घंटा
  • चौथा गियर – 50–60 किमी/घंटा
  • पांचवां गियर – 60 किमी/घंटा से ऊपर

स्मूद और सही समय पर गियर बदलने से इंजन का लोड कम होता है, जिससे फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ती है और कार बेहतर प्रदर्शन देती है।

ऑटोमैटिक कार में भी पैडल पर जरूरत से ज़्यादा दबाव देने से ट्रांसमिशन पर असर पड़ता है, इसलिए वहां भी स्मूद ड्राइव जरूरी है। कुल मिलाकर, सही गियर का इस्तेमाल माइलेज बढ़ाने का एक आसान लेकिन बेहद असरदार तरीका है।

कार को रफ्तार में रखें

कार की स्पीड का सीधा असर उसकी माइलेज पर पड़ता है। जब आप बहुत तेज़ या बहुत धीमी गति से गाड़ी चलाते हैं, तो इंजन को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है और Fuel Consumption बढ़ जाती है।

सबसे Best Fuel Efficiency पाने के लिए कार को 50 से 70 किमी/घंटा की रफ्तार में चलाना चाहिए। इससे इंजन अपनी ऑप्टिमल एफिशिएंसी पर काम करता है। तेज़ स्पीड पर बार-बार ब्रेकिंग और एक्सीलेरेशन से फ्यूल बर्बाद होता है।

स्थिर, सीमित और स्मूद रफ्तार माइलेज बढ़ाने के साथ-साथ आपकी ड्राइव को सुरक्षित भी बनाती है।

इंजन को आइडलिंग पर ना छोड़ें

कई लोग सोचते हैं कि सुबह गाड़ी को आइडलिंग पर लंबे समय तक चलाना जरूरी होता है ताकि इंजन गर्म हो जाए। लेकिन यह अब पुरानी सोच है। नई तकनीक वाली कारें तुरंत ड्राइविंग के लिए तैयार हो जाती हैं, इसलिए 2-3 मिनट से ज्यादा आइडलिंग पर इंजन चलाना फिजूल है।

लंबे समय तक आइडलिंग पर इंजन चलाने से फ्यूल की बर्बादी होती है और प्रदूषण भी बढ़ता है। साथ ही इंजन के पुर्जों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिससे उनकी उम्र कम हो सकती है। इसलिए इंजन को आइडलिंग पर छोड़ने से बचें और गाड़ी को जल्दी चलाना शुरू करें।

अगर आप इन tips को सही तरीके से अपनाते है तो आपको अपनी car के mileage में 5 से 10% तक की improvement देखने को मिल सकती है | साथ ही अगर ये बताना न भूलें की Improve car mileage के टॉपिक में आपको कौन सा आईडिया सबसे ज्यादा पसंद आया |

Leave a Comment