CNG vs Diesel vs Petrol Maintenance– किसका सस्ता है?

CNG vs Diesel vs Petrol Maintenance : क्या आप एक नयी कार खरीदने की सोच रहे है लेकिन confuse है कि कौन सा मॉडल मॉडल लेना चाहिए? CNG , Petrol या diesel? जिससेकि आपकी जेब पर मेंटेनेंस का खर्चा पड़े |

दरअसल आप अकेले नहीं है? आज की इस मॅहगाई के दौर कोई भी कार खरीदने से पहले २ चीजों पर गौर तो करता ही है ?
पहला कार का माइलेज कितना है और उसकी सर्विसिंग कॉस्ट कितनी आएगी |

अगर हम बात करें कार के ईंधन के प्रकार की तो आज कल cars mostly ३ तरह के ईंधन का इस्तेमाल कर रही है? पैट्रोल, diesel और CNG | और इन सभी प्रकार की कारों के रखरखाव के खर्चे भी अलग है ?

cng vs petrol vs diesel

  1. इंजन की संरचना और मेंटेनेंस जरूरत

अगर हम बात करें CNG engine की तभी तो इन कारों में पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल होता है | लेकिन इनमे CNG का इस्तेमाल करने के लिए CNG किट का इस्तेमाल किया जाता है? जोकि एक अतिरिक्त सिस्टम होता है |

चूँकि यह एक अतिरिक्त सिस्टम है, इसमें maintenance की जरुरत होती है? और सेफ्टी के दौर पर नियमित रूप से गैस लीक चेक, सिलिंडर फिटिंग और वॉल्व क्लीनिंग जरूरी होती है।

लेकिन अगर आप कार को ज्यादा चलाते है तो फ्यूल की बचत इसको कवर कर देती है |

वही पर अगर बात करें पेट्रोल वाली कार की तो इनके इंजन का design थोड़ा सिंपल होता है | साथ ही, इंजन ऑयल, एयर फिल्टर और स्पार्क प्लग जैसी चीजें ही नियमित रूप से बदलनी होती हैं।

अगर हम बात करें CNG engine की तभी तो इन कारों में पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल होता है | लेकिन इनमे CNG का इस्तेमाल करने के लिए CNG किट का इस्तेमाल किया जाता है? जोकि एक अतिरिक्त सिस्टम होता है |

चूँकि यह एक अतिरिक्त सिस्टम है, इसमें maintenance की जरुरत होती है? और सेफ्टी के दौर पर नियमित रूप से गैस लीक चेक, सिलिंडर फिटिंग और वॉल्व क्लीनिंग जरूरी होती है।

लेकिन अगर आप कार को ज्यादा चलाते है तो फ्यूल की बचत इसको कवर कर देती है |

वही पर अगर बात करें पेट्रोल वाली कार की तो इनके इंजन का design थोड़ा सिंपल होता है | साथ ही, इंजन ऑयल, एयर फिल्टर और स्पार्क प्लग जैसी चीजें ही नियमित रूप से बदलनी होती हैं।

अगर हम बात करें डीजल कार की, तो ये इंजन ज्यादा पावरफुल होते हैं, लेकिन इनका स्ट्रक्चर कॉम्प्लेक्स होता है। इसमें टर्बोचार्जर, EGR वाल्व और DPF (Diesel Particulate Filter) जैसे महंगे हिस्से होते हैं, जिनकी मेंटेनेंस और रिपेयर कॉस्ट ज्यादा होती है। इसके अलावा में सर्विस इंटरवल थोड़ा लंबा होता है, लेकिन जब मेंटेनेंस की जरूरत होती है, तो खर्च भारी होता है।

2. सर्विसिंग खर्च का तुलनात्मक आंकलन:

अगर पेट्रोल कार की तो इन कार का मेंटेनेंस औसत सालाना खर्च लगभग ४००० से ७००० रुपये तक हो सकता है| जो की बाकी की कारों से सस्ता है, जबकि CNG कार का खर्चा 5000 से 9000 तक हो सकता है | वहीं पर डीजल कार का खर्चा लगभग ₹8,000 – ₹15,000 रुपये तक हो सकता है |

3. लॉन्ग टर्म खर्च और इंजन लाइफ

पेट्रोल इंजन स्मूद चलता है, लेकिन ज्यादा किलोमीटर चलने पर जल्दी वियर एंड टियर होता है। औसतन 1.5 से 2 लाख किमी तक अच्छी परफॉर्मेंस देता है।

अगर अच्छी गुणवत्ता वाली किट हो और समय पर सर्विसिंग हो, तो 1.2 से 1.5 लाख किमी तक आसानी से चल सकता है। खराब रखरखाव से इंजन जल्दी खराब हो सकता है।

सबसे लंबी उम्र वाला होता है। 2.5 लाख किमी से ज्यादा तक चलता है, बशर्ते सही मेंटेनेंस हो। लेकिन अगर मेंटेनेंस मिस हुआ तो रिपेयर बहुत महंगा पड़ सकता है।

Kusum Bhadauriya

कुसुम भदौरिया को Automobiles में गहरी दिलचस्पी है और उन्हें कार और बाइक के बारे में पढ़ना और लिखना बेहद पसंद है। वे खासकर नई तकनीकों, लेटेस्ट लॉन्च और वाहन समीक्षाओं पर लेखन में रुचि रखती हैं। कुसुम अपने लेखों के ज़रिए पाठकों को ऑटोमोबाइल्स की बारीकियों से परिचित कराने का प्रयास करती हैं। उनका लक्ष्य है कि हर वाहन प्रेमी को सटीक और उपयोगी जानकारी प्राप्त हो सके।