5 साल से पुराने टायर आपकी जान के दुश्मन बन सकते हैं! अभी जानिए कब बदलना है कार का टायर?

Change Tyres On Car: अगर आप कार चलाते हैं तो सिर्फ इंजन, ब्रेक या फ्यूल की देखभाल ही नहीं, बल्कि टायर भी उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं। टायर न केवल गाड़ी की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाते हैं बल्कि आपकी सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। बहुत से लोग इस बात को लेकर उलझन में रहते हैं कि कार के टायर कब बदलने चाहिए? और अगर नहीं बदले तो क्या नुकसान हो सकते हैं?

इस लेख में हम आपको पूरी जानकारी देंगे कि Change tyres on car कब करना चाहिए, इसके संकेत क्या होते हैं, टायर बदलने की लागत क्या होती है और कौन-से ब्रांड सबसे बेहतर हैं।

Change tyres on car

टायर की उम्र: कितने सालों में बदलना जरूरी है?

अधिकतर टायर मैन्युफैक्चरर का कहना है कि अगर टायर 5 साल से ज्यादा पुराने हो जाएं, तो उन्हें चेक कराना जरूरी हो जाता है। हालांकि 7 से 10 साल के अंदर किसी भी हाल में उन्हें बदल देना चाहिए, भले ही उनके ऊपर पर्याप्त ट्रेड (Tread) बचा हो।

Note: कुछ टायर सही दिखते हैं, लेकिन रबर समय के साथ कमजोर हो जाता है और वो कभी भी फट सकते हैं। इसीलिए टायर की एजिंग को हल्के में ना लें।

टायर के घिसने के संकेत

टायर बदलने की सही टाइमिंग समझने के लिए इन संकेतों को पहचानना जरूरी है:

 

  1. ट्रेड डेप्थ (Tread Depth)

भारत में लीगल ट्रेड डेप्थ की लिमिट 1.6 mm है। अगर टायर का ट्रेड इससे कम है तो वो सड़क पर सही ग्रिप नहीं देगा, जिससे ब्रेकिंग डिस्टेंस बढ़ेगी और हादसे का खतरा रहेगा।

आप ‘पैनी टेस्ट’ करके ट्रेड डेप्थ की जांच कर सकते हैं – एक रुपये का सिक्का टायर के ट्रेड में डालें, अगर अशोक स्तंभ पूरी तरह दिख रहा है तो समय आ गया है टायर बदलने का।

  1. असमान घिसाई (Uneven Wear)

अगर टायर एक साइड से ज्यादा घिस रहा है, तो यह सस्पेंशन या व्हील एलाइन्मेंट की समस्या हो सकती है। ऐसे में टायर को जल्दी बदलना पड़ सकता है।

  1. बबल या क्रैक

अगर टायर में बबल (गोल उभार) या दरारें दिखने लगे, तो यह बहुत खतरनाक संकेत है। ये टायर चलते समय ब्लास्ट हो सकते हैं।

  1. ज्यादा वाइब्रेशन

ड्राइविंग के दौरान अगर गाड़ी में ज्यादा वाइब्रेशन महसूस हो, खासकर हाई स्पीड पर, तो यह संकेत हो सकता है कि टायर में कोई इंटरनल डैमेज हो चुका है।

WagonR का माइलेज कैसे बढ़ाएं? जानिए 7 आज़माए हुए तरीके

कितने किलोमीटर चलने के बाद टायर बदलना चाहिए?

When should you change tyres on car

आमतौर पर कार के टायर 40,000 से 60,000 किलोमीटर तक चल जाते हैं। लेकिन यह दूरी आपके ड्राइविंग स्टाइल, सड़क की स्थिति, और टायर ब्रांड पर निर्भर करती है।

Tip: हर 10,000 किलोमीटर पर टायर रोटेशन कराना जरूरी है ताकि वे समान रूप से घिसें और ज्यादा समय तक चलें।

Improve Car Mileage: कार की माइलेज कैसे बढ़ाएं? 10 असरदार तरीके

टायर बदलने में कितना खर्च आता है?

टायर बदलने की लागत कार के मॉडल और टायर ब्रांड पर निर्भर करती है। नीचे कुछ औसतन रेट्स दिए गए हैं:

कार टाइप टायर साइज एक टायर की कीमत (INR)
हैचबैक (Maruti Swift, i10) 13-14 इंच ₹3,000 – ₹5,000
सेडान (Honda City, Ciaz) 15-16 इंच ₹5,000 – ₹7,000
SUV (Creta, Scorpio, XUV) 17-18 इंच ₹7,000 – ₹12,000

अगर आप सभी 4 टायर बदलते हैं तो ₹12,000 से ₹40,000 तक खर्च आ सकता है।

टायर ब्रांड्स जो सबसे भरोसेमंद हैं

जब भी आप change tyres on car का विचार करें, तो इन ब्रांड्स को प्राथमिकता दें:

  • Michelin: बेहतर ग्रिप और कम रोड नॉइज़
  • Bridgestone: लॉन्ग लाइफ और फ्यूल एफिशिएंसी
  • MRF: किफायती और भारतीय सड़कों के लिए आदर्श
  • CEAT: टिकाऊ और बजट फ्रेंडली
  • Apollo: अच्छी वॉरंटी और परफॉर्मेंस

टायर बदलवाते समय किन बातों का रखें ध्यान?

टायर बदलते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें ताकि आप बेहतर डील पा सकें:

  • Manufacturing Date चेक करें: टायर पर DOT कोड में डेट लिखी होती है (जैसे 2623 का मतलब है 26वां हफ्ता, 2023)।
  • Warranty देखें: अधिकतर कंपनियां 3 से 5 साल की वारंटी देती हैं।
  • Wheel Balancing और Alignment जरूर कराएं: नए टायर लगाने के बाद ये ज़रूरी होता है ताकि ड्राइविंग स्मूथ रहे।
  • Original Tyre Size ही लें: मैन्युफैक्चरर द्वारा दिया गया साइज ही सबसे बेहतर होता है।

टायर बदलने के खतरे | 

अगर आप समय पर टायर नहीं बदलते तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:

  • ब्रेकिंग परफॉर्मेंस कमजोर हो जाती है
  • गाड़ी स्किड करने लगती है, खासकर बारिश में
  • अचानक टायर ब्लास्ट होने से जानलेवा हादसे हो सकते हैं
  • माइलेज और फ्यूल एफिशिएंसी पर असर पड़ता है
  • सस्पेंशन सिस्टम पर भी ज्यादा लोड आता है

कब कराएं टायर चेकअप?

  • हर सर्विस पर टायर की स्थिति जरूर जांचें
  • लंबी यात्रा पर निकलने से पहले टायर प्रेशर और कंडीशन चेक करें
  • साल में कम से कम 2 बार टायर वर्कशॉप पर जा कर प्रोफेशनल चेकअप कराएं

EMI पर कार खरीदते समय ये गलतियां बिल्कुल न करें – वरना पछताना पड़ेगा!

सही समय पर टायर बदलना क्यों जरूरी है?

गाड़ी के टायर वो इकलौता हिस्सा हैं जो सड़क से सीधे संपर्क में रहते हैं। आपकी सुरक्षा, कम्फर्ट और कार की परफॉर्मेंस इन पर ही निर्भर करती है। इसलिए change tyres on car करने में लापरवाही ना बरतें।

टायर को समय-समय पर जांचना, सही ट्रेड डेप्थ बनाए रखना, और 5-6 साल के भीतर बदलना आपके ड्राइविंग अनुभव को न केवल बेहतर बनाएगा बल्कि आपकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।

You can also follow us on: https://www.facebook.com/masalamix  to get latest updates.

Leave a Comment