Used Swift खरीदने से पहले अगर ये 7 बातें नहीं देखीं, तो पछताने के लिए तैयार रहिए!

Used Maruti Swift – भारत की सबसे ज़्यादा पसंद की जाने वाली हैचबैक कारों में से एक है। स्टाइलिश लुक, भरोसेमंद परफॉर्मेंस और शानदार माइलेज की वजह से ये कार हर उम्र के लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। यही वजह है कि used Swift cars की मार्केट भी काफी बड़ी है।

लेकिन सेकेंड हैंड Swift खरीदना जितना फायदेमंद हो सकता है, उतना ही जोखिम भरा भी हो सकता है – अगर आपने कुछ जरूरी बातें चेक नहीं कीं।

अगर आप भी Used Maruti Swift खरीदने की सोच रहे हैं, तो ये 7 बातें ज़रूर जांच लें – ताकि आप सिर्फ कार खरीदें, कोई सिरदर्द नहीं!

Used Maruti Swift खरीदने की सोच रहे हैं, तो ये 7 बातें ज़रूर जांच लें| 

7 Things To Check Before Buying A Used Swift Car.

1. ओडोमीटर की सच्चाई – किलोमीटर से ज्यादा मायने रखती है देखभाल

Used कार खरीदते समय लोग अक्सर सिर्फ किलोमीटर रीडिंग देखकर निर्णय लेते हैं। लेकिन Swift जैसी कारों में 80,000+ किलोमीटर भी कोई बड़ी बात नहीं अगर कार की सर्विसिंग सही समय पर हुई हो।

इसके साथ ही आपको ध्यान देना है कि ओडोमीटर से छेड़छाड़ की संभावना से सावधान रहें और साथ में ध्यान दें कि  सर्विस बुक और वर्कशॉप रिकॉर्ड जरूर अपडेटेड होने चाहिए। हर चीज की सटीक जानकारी होने पर ही गाडी को खरीदने के बारे में सोचें |

2. एक्सीडेंट हिस्ट्री – कहीं मुस्कान के पीछे छिपा दर्द तो नहीं?

कई बार चमकती हुई कार अंदर से टूट चुकी होती है  और उसका मुख्य कारण होता है एक्सीडेंट | अक्सर डीलर्स accidented cars, को सस्ते में खरीद कर उनपर डेटिंग, पेंटिंग करवा के चमका देते है और फिर उन्हें अच्छे खासे दाम में बेच देते है | 

इसलिए इस्तेमाल की हुई Swift को खरीदने से पहले उसका एक्सीडेंट रिकॉर्ड जरूर चेक करें। अगर आपको कार इंस्पेक्शन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हो तो आप किसी भरोसेमंद मैकेनिक से उस कार का checkup करवा सकते है | उसके बाद अपना निर्णय ले सकते है | ✔ कार की बॉडी पर अनइवन गैप्स या रिपेंटिंग के निशान देखें।


इसके साथ ही अगर आप स्वयं भी इंस्पेक्शन करना चाहते है, तो आपको कम्पार्टमेंट और डिक्की के नीचे की वेल्डिंग पर गौर करें। और हाँ,  RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) पर Hypothecation या Insurance क्लेम का इतिहास जरूर जानें।

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 3. इंजन की आवाज़ – Swift है या खटारा?

जब भी आप किसी कार को खरीदने के बारे में सोच रहे हो |  तो उसके इंजन के आवाज को ध्यान से सुनें | अगर, Old Swift का इंजन सही कंडीशन में होगा, तो स्टार्ट होते ही एक स्मूद, साइलेंट आवाज़ देगा।

लेकिन अगर स्टार्ट करते समय कंपन, ज़्यादा आवाज़ या धुंआ निकलता है, तो समझ जाइए कुछ गड़बड़ है।

साथ ही, आपको ध्यान देना है कि कार में इंजन आयल कितना है और कूलेंट कितना है? क्या कार चलते समय, ज्यादा गरम तो नहीं हो रही है या कार में कोई अन्य समस्या तो नहीं आ रही है |

4. सर्विस हिस्ट्री – हर पन्ना बताता है कार की कहानी

अगर आपको किसी भी कार का इतिहास जानना है तो उसकी सर्विस बुक को अच्छे से खंगालिए | ध्यान दें कि कार के मालिक ने उसकी सर्विस कितने समय के अंतराल में  करवाई है |

अगर कार की सर्विस हर 10,000 किमी पर सर्विस हुई हो तो बड़ी राहत की बात है। साथ ही  कंपनी-ऑथराइज़्ड सर्विस सेंटर की स्टैम्प और बिल्स चेक करना न भूलें |

5. टायर्स और सस्पेंशन – नीचे की चीजें अक्सर नजरअंदाज होती हैं

कई बार लोग कार लेते वक़्त एक अहम् चीज को नजरअंदाज कर देते है, जो है कार के टायर और सस्पेंशन को चेक करना | Used Swift के टायर और सस्पेंशन उसकी उम्र और देखभाल का साफ़ संकेत देते हैं।  अगर उस कार के टायर्स बहुत घिसे हुए हैं या ब्रांड मिक्स हैं तो आगे खर्च तय है।

और आपको ध्यान देना है, स्पीड ब्रेकर पर सस्पेंशन से कोई अजीब आवाज़ आ रही है? यानी रिपेयरिंग पेंडिंग है।

6. इलेक्ट्रॉनिक्स और फीचर्स – Swift है स्मार्ट, पर सिस्टम काम कर रहे हैं?

Swift में पावर विंडो, म्यूजिक सिस्टम, एसी, सेंटर लॉकिंग और डैशबोर्ड फीचर्स अहम हैं। Used कार में ये चीजें अक्सर सही से काम नहीं करतीं – और बाद में जेब पर भारी पड़ती हैं। इसलिए इन सभी फीचर्स को कभी नजरअंदाज न करें, अन्यथा यह आपकी जेब पर काफी भारी पड़ सकता है |

हर स्विच, लाइट, इंडिकेटर, एसी, और स्टीयरिंग ऑडियो कंट्रोल को अच्छे से जांच लें। और साथ ही, म्यूजिक सिस्टम और स्पीकर्स में क्रैकलिंग या वायरिंग की समस्या भी चेक करें।

अगर आपको किसी भी जगह पर समस्या लगती है, तो उसे पहले फिक्स करवाएं उसके बाद ही कार खरीदें |

 7. RC, इंश्योरेंस और पेपर्स – कागज पूरे नहीं तो सफर आधा

आते है सबसे लास्ट लेकिन अहम् मुद्दे पर, और वो है कार के कागजाद | चाहे गाड़ी कितनी भी सही हो, अगर कागज़ सही नहीं तो रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर और भविष्य में दिक्कतें तय हैं। ओरिजिनल RC, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और रोड टैक्स पेमेंट की कॉपी चेक करें। Transfer of Ownership (Form 29, 30) पहले ही शुरू करवा लें।

बोनस टिप: True Value या ट्रस्टेड डीलर से ही खरीदें

अगर आप पर्सन से सीधे खरीद रहे हैं तो हर चीज़ को खुद चेक करना ज़रूरी है। लेकिन अगर आप Maruti True Value या किसी ट्रस्टेड प्लेटफॉर्म (CarDekho, Spinny, Cars24 आदि) से खरीदते हैं, तो आपको certified inspection, warranty और पेपरवर्क सपोर्ट भी मिल सकता है।

 

 

Kusum Bhadauriya

कुसुम भदौरिया को Automobiles में गहरी दिलचस्पी है और उन्हें कार और बाइक के बारे में पढ़ना और लिखना बेहद पसंद है। वे खासकर नई तकनीकों, लेटेस्ट लॉन्च और वाहन समीक्षाओं पर लेखन में रुचि रखती हैं। कुसुम अपने लेखों के ज़रिए पाठकों को ऑटोमोबाइल्स की बारीकियों से परिचित कराने का प्रयास करती हैं। उनका लक्ष्य है कि हर वाहन प्रेमी को सटीक और उपयोगी जानकारी प्राप्त हो सके।