भारत में सोना (Gold) खरीदना न सिर्फ एक निवेश का साधन है, बल्कि यह परंपरा और सांस्कृतिक मान्यताओं का हिस्सा भी है। चाहे त्योहार हो, शादी हो या कोई खास अवसर, सोना खरीदने का एक अलग ही महत्व होता है। सोना खरीदने से पहले कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपका निवेश सुरक्षित रहे और आपको बेहतर लाभ मिले। यहां हम बताएंगे गोल्ड खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
1. सोने की शुद्धता की जांच
सोना खरीदते समय सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है उसकी शुद्धता। भारत में आमतौर पर 22 कैरेट सोना आभूषण बनाने के लिए उपयोग होता है, जबकि 24 कैरेट सोना शुद्ध होता है और यह आभूषण बनाने के लिए उपयोग नहीं किया जाता। 24 कैरेट सोना 99.9% शुद्ध होता है, जबकि 22 कैरेट सोना 91.6% शुद्ध होता है। आप सोने की शुद्धता के लिए हॉलमार्क का ध्यान रखें। हॉलमार्क भारत सरकार का एक प्रमाण पत्र है, जो सोने की शुद्धता की गारंटी देता है।
2. हॉलमार्क की पहचान करें
भारत में हॉलमार्क को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा प्रमाणित किया गया है। हॉलमार्क का उद्देश्य ग्राहकों को सोने की शुद्धता की गारंटी देना है। इसलिए, सोना खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह हॉलमार्क के साथ हो। हॉलमार्क सोने की शुद्धता और प्रमाणिकता का संकेत होता है, जिससे आपको यह पता चलता है कि आप जो सोना खरीद रहे हैं वह असली है या नहीं।
3. बाजार में सोने की कीमत की जानकारी रखें
सोने की कीमतें रोज बदलती हैं, इसलिए सोना खरीदने से पहले बाजार की स्थिति की जानकारी अवश्य लें। अंतरराष्ट्रीय बाजार, डॉलर की कीमत, मुद्रास्फीति, और कई अन्य कारक सोने की कीमत को प्रभावित करते हैं। इसलिए, सोना खरीदने से पहले उसकी ताजा कीमत जान लें और उचित समय का चुनाव करें ताकि आपको सही मूल्य पर सोना मिल सके।
4. वजन और मेकिंग चार्ज का ध्यान रखें
सोना खरीदते समय उसकी कीमत सोने के वजन के अनुसार होती है। इसके अलावा, सोने के आभूषणों में मेकिंग चार्ज भी जोड़ा जाता है, जो आमतौर पर वजन के आधार पर तय किया जाता है। अलग-अलग ज्वेलर्स के मेकिंग चार्जेस में अंतर हो सकता है, इसलिए आप विभिन्न दुकानों पर मेकिंग चार्ज का पता करके तुलना कर सकते हैं।
5. बिल जरूर लें
सोना खरीदते समय बिल लेना न भूलें। बिल में सोने की कीमत, हॉलमार्क की जानकारी, वजन और मेकिंग चार्ज स्पष्ट रूप से दर्ज होते हैं। बिल आपके निवेश की सुरक्षा के लिए जरूरी होता है और भविष्य में इसे बेचने पर किसी भी विवाद से बचने में आपकी मदद करता है।
6. सोने की रिटर्न पॉलिसी के बारे में पूछें
सोने की खरीदारी करते समय उसकी रिटर्न पॉलिसी के बारे में भी जानकारी लें। कई ज्वेलर्स अलग-अलग रिटर्न और एक्सचेंज पॉलिसी प्रदान करते हैं। यह पॉलिसी आपके सोने को भविष्य में बेहतर कीमत पर बेचने या एक्सचेंज करने में मददगार होती है।
7. सोना कहां से खरीदें?
सोना खरीदते समय प्रतिष्ठित और भरोसेमंद ज्वेलर्स से ही खरीदें। अगर संभव हो तो उन्हीं दुकानों से सोना खरीदें जो BIS हॉलमार्क प्रमाणीकरण देती हों। आजकल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी सोना बेचा जा रहा है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ऑनलाइन खरीदारी करते समय आप भरोसेमंद वेबसाइट से ही खरीदें।
8. डिजाइन के बजाय निवेश पर ध्यान दें
अगर आप सोना निवेश के उद्देश्य से खरीद रहे हैं, तो डिजाइन के बजाय शुद्धता, वजन और सोने के सिक्के या बिस्किट्स खरीदने पर ध्यान दें। आभूषणों में मेकिंग चार्ज अधिक होता है, जबकि सोने के सिक्के या बिस्किट्स में मेकिंग चार्ज कम होता है, जिससे आपको बेहतर लाभ मिल सकता है।
9. सुनहरे अवसर का इंतजार करें
त्योहारों और खास अवसरों पर सोने पर डिस्काउंट या ऑफर मिल सकते हैं। इस समय सोना खरीदना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। कई बैंक और ज्वेलरी शॉप्स खास दिनों में सोने पर विशेष ऑफर भी देते हैं, इसलिए इन अवसरों का लाभ उठाने की कोशिश करें।
10. लॉकर सुविधा पर विचार करें
यदि आप बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं, तो उसके लिए सुरक्षा का भी ध्यान रखें। कई बैंक लॉकर सुविधा प्रदान करते हैं, जहां आप अपने सोने को सुरक्षित रख सकते हैं। इससे सोने की चोरी या नुकसान का डर भी कम हो जाता है।