ओला इलेक्ट्रिक (OLA Electric) के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल (Bhavish Agrawal)ने अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप ‘कृत्रिम’ के लिए जुटाए गए ऋण के लिए गिरवी रखे गए शेयरों की गिरती कीमतों के मद्देनजर ₹20 करोड़ नकद जमा किए हैं।
यह कदम उन्होंने मार्च 2025 से उठाया, जब ओला इलेक्ट्रिक के शेयर ₹50 से नीचे गिर गए थे। इससे पहले, उन्होंने कृत्रिम डेटा सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के लिए ₹250 करोड़ जुटाने के लिए ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों को गिरवी रखा था।
कृत्रिम के लिए शेयर गिरवी रखने की रणनीति
अग्रवाल ने अपने ओला इलेक्ट्रिक में 30% हिस्सेदारी में से लगभग 8% हिस्सेदारी को गिरवी रखा है। यह गिरवी रखने की प्रक्रिया दो चरणों में हुई—पहला दिसंबर 2024 में और दूसरा मार्च 2025 में।
इस गिरवी के माध्यम से उन्होंने कृत्रिम के लिए कुल ₹603 करोड़ का ऋण प्राप्त किया, जिसमें ब्याज दरें 14.9% से 15.9% के बीच थीं।

ओला इलेक्ट्रिक के सामने चुनौतियाँ
ओला इलेक्ट्रिक (ola electric) के शेयर (share) अगस्त 2024 में ₹76 पर सूचीबद्ध हुए थे, लेकिन तब से अब तक इनमें लगभग 35% की गिरावट आई है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी मई 2025 में घटकर 18% रह गई, जो पिछले वर्ष 48% थी। इसके अलावा, कंपनी ने चौथी तिमाही में ₹870 करोड़ का घाटा दर्ज किया, जो पिछली तिमाही से दोगुना है।
प्रतिस्पर्धा और निवेशकों की चिंता
ओला इलेक्ट्रिक को TVS मोटर, बजाज ऑटो (Bajaj Auto) और हीरो मोटोकॉर्प (Hero Motocrop) जैसी पारंपरिक दोपहिया निर्माताओं से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, ह्युंडई और किया ने हाल ही में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम की है, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है।
आगे की राह
भाविश अग्रवाल ने ओला इलेक्ट्रिक के विस्तार की योजना बनाई है, जिसमें दिसंबर 2024 तक 4,000 नए स्टोर खोलने की घोषणा की गई थी।
हालांकि, शेयरों की गिरती कीमतें, बढ़ता घाटा और प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनी के सामने कई चुनौतियाँ हैं। अग्रवाल की रणनीति और निवेशकों का विश्वास ही तय करेगा कि ओला इलेक्ट्रिक इन चुनौतियों से कैसे उबरती है।